Hindi Diwas Celebration 2022
Event Start Date : 14/09/2022 Event End Date 14/09/2022
मां की गोद, पिता का प्यार है हिंदी। हमारी संस्कृति ,साहित्य की पहचान है हिंदी '- प्राचार्या रश्मि विद्यार्थी
14 सितंबर 1949 को राष्ट्रभाषा का दर्जा प्राप्त करने वाली हमारी मातृभाषा हिंदी खुली बांहों से सब को स्वीकार करती है । जम्मू कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक गुजरात से लेकर महाराष्ट्र तक सभी लोगों को जोड़ने वाली भारत की सेतु भाषा है हिंदी । हिंदुस्तानियों का प्यार व सम्मान ही इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठा दिला रहा है ।स्वाधीनता आंदोलन में भी स्वामी दयानंद , सरदार वल्लभ भाई पटेल , रवींद्र नाथ टैगोर , लाला लाजपत राय ने पूरे भारत को हिंदी भाषा से जोड़ा ।हिंदी साहित्य पढ़ने व सुनने तथा हिंदी में वार्तालाप करने से हमारी हिंदी भाषा पर पकड़ मजबूत होगी । हिंदी के अध्यापक भी समझें कि वे हिंदी क्यों पढ़ा रहे हैं? उनका दायित्व बच्चों को पठन, लेखन,श्रवण ,वाचन चारों कौशलो में निपुण बनाना है। कैरियर की दृष्टि से हिंदी हमें प्रशासनिक सेवा, पत्रकार ,रचनाकार ,संवाद लेखक, फिल्मकार आदि क्षेत्रों में भी सफल बनाती है । भारत का छोटे से छोटा बच्चा हिंदी में अपने मन की बातों को सरलता से कह पाता है- ये उद्गार प्रकट करते हुए प्राचार्या रश्मि विद्यार्थी ने अपनी कविता - 'सरलता है ,सफलता है , संस्कार है हिंदी। मां की गोद, पिता का प्यार है हिंदी। हमारी संस्कृति ,साहित्य की पहचान है हिंदी ' से प्रेरित किया। हिंदी भाषा के प्रति प्यार व सम्मान सिखाते हुए सभी बच्चों व अध्यापकों को हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं दी।
कलीराम डीएवी पब्लिक स्कूल ,सफीदों में हिंदी दिवस रोमांचक व ज्ञानवर्धक ढंग से मनाया गया, जिसका आयोजन हिंदी विभाग ने किया ।कार्यक्रम में नवी व दसवीं की छात्राएं -साक्षी, खुशी, मीनू ,चार्वी, गुंजन ने 'जन -जन की भाषा है हिंदी ,भारत की आशा है हिंदी ।'आदि कविताओं से हिंदी से प्रेम करना सिखाया । ' किताबें करती है बातें ,आज की , कल की, एक-एक पल की 'गीत के माध्यम से बच्चों को किताबें पढ़ने के
लिए प्रेरित किया ।इस अवसर पर हिंदी अध्यापिका भावना शर्मा व पूजा शर्मा नें प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया ,जिसमें हिंदी के महान कवि मैथिलीशरण गुप्त, रामधारी सिंह दिनकर, रामचंद्र शुक्ल, सूर्यकांत त्रिपाठी निराला के नाम पर चारों समूह बनाए गए ।बच्चों ने हिंदी वर्णमाला, दोहे, अंताक्षरी ,मुहावरे, वर्ग पहेली व कठिन शब्द बताते हुए बढ़ -चढ़कर भाग लिया। हिंदी अध्यापिका सुनीता कंधवाल ने 'हिंदी हीनता नहीं, गर्व की भाषा है, इसे दिल से अपनाने के लिए प्रेरित करते हुए कविता सुनाई। '
कार्यक्रम के अंत में प्राचार्या रश्मि विद्यार्थी ने सभी विजेता व प्रतिभागी विद्यार्थियों को मेडल पहनाकर सम्मानित किया।