'गुरु का लंगर'
Event Start Date : 28/12/2024 Event End Date 28/12/2024
कलीराम डीएवी स्कूल मे बलिदान सप्ताह के समापन पर 'गुरु का लंगर' का आयोजन
कलीराम डीएवी पब्लिक स्कूल, सफीदों में 21 दिसंबर से 28 दिसंबर तक बलिदान सप्ताह के रूप में मनाया गया'। 'बलिदान सप्ताह' के समापन पर 28 दिसंबर शनिवार को पवित्र हवन- यज्ञ के बाद वीर बालकों की शहादत को नमन करते हुए 'गुरु का लंगर' का आयोजन किया गया ।
विद्यालय में बलिदान सप्ताह के अंतर्गत बच्चों ने सबद-भजन प्रस्तुत कर वीर गाथाएं गाई व 26 दिसंबर वीर बाल दिवस के अवसर पर बच्चो ने पेंटिंग के माध्यम से चारों साहबजादो की वीरता को कागज पर उकेरा ।वीर बालकों के चित्रों ने बच्चों में वीरता के भाव भरे। 23 दिसंबर को स्वामी श्रद्धानंद बलिदान दिवस मनाया गया। इस कार्यक्रम में स्वामी श्रद्धानंद जी को श्रद्धांजलि दी गई, जिन्होंने अपना जीवन शिक्षा और सामाजिक सुधार के लिए समर्पित कर समाज पर अपनी अमिट छाप छोड़ी।
प्रधानाचार्या श्रीमती पूनम सिंह जी ने बताया कि 21 दिसंबर से 28 दिसंबर तक गुरु गोविंद सिंह जी का पूरा परिवार धर्म व देश की रक्षा के लिए शहीद हो गया था और यह पूरा सप्ताह हम उनके शहादत को नमन करते हुए मनाते हैं। सिखों के दसवें गुरु 'गुरु गोविंद सिंह जी के चारों साहबजादे- बाबा जोरावर सिंह, बाबा फतेह सिंह, बाबा अजीत सिंह, बाबा जुझार सिंह के अद्वितीय बलिदान की स्मृति में श्रद्धा व समर्पण भाव से कलीराम डीएवी के बच्चों व अध्यापकों ने 'गुरु का लंगर' कार्यक्रम का आयोजन बहुत सेवा भाव से किया। लंगर सेवा व वीर बालकों की शौर्य गाथा से बच्चों को धर्म और स्वाभिमान की रक्षा के लिए प्रेरणा मिलेगी। प्राचार्य जी ने बच्चों को प्रेरित करते हुए कहा कि 'बाल शक्ति, राष्ट्र शक्ति बने' व देश के लिए समर्पित नागरिक बने तथा बच्चे कुशल राष्ट्र कौशल बने इसलिए देश का बच्चा-बच्चा और आने वाली पीढ़ियां भी न सिर्फ इन वीर बालकों से परिचित हों बल्कि इनसे प्रेरणा प्राप्त करें। जिन बच्चों ने अपनी उम्र नहीं देखी, सिर्फ लक्ष्य देखा- धर्म की रक्षा का देश की स्वतंत्रता का , इनकी गाथाएं सामाजिक सौहार्द का एक बहुत बड़ा प्रमाण है। पिता गुरु गोविंद सिंह व दादी माता गुजरी के बलिदान को हम भूल नहीं सकते क्योंकि गुरु व माता-पिता की शिक्षा बालकों को वीर और साहसी बनाती हैं। इसलिए सभी माता-पिता ,अध्यापकों व पूरे समाज का कर्तव्य है कि हमारे बच्चों में त्याग व कर्तव्य निष्ठा का संस्कार हो। अपने कर्म से हमेशा भारत को आगे बढ़ाने का प्रयत्न करें व ईमानदारी से अपना कर्तव्य निभाएं ।
इस अवसर पर सभी अभिभावकों ,बच्चों व संगत ने बड़े प्रेम भाव, श्रद्धा से गुरु का प्रसाद ग्रहण किया व लंगर में सेवा देने वाले बच्चों के सेवा भाव व संस्कारों की भूरि -भूरि प्रशंसा की।
इसी अवसर पर शिक्षक अभिभावक मीटिंग( पीटीएम) का भी आयोजन किया गया जिसमें सभी अभिभावकों ने अध्यापकों से अपने बच्चों की शैक्षणिक उपलब्धियां , व्यावहारिक व अन्य गतिविधियों से संबंधित रिपोर्ट ली। बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए माता-पिता व अध्यापकों का साथ मिलकर चलना बहुत आवश्यक है। आज के तकनीकी युग में बच्चों को परिवार , समाज व देश से जोड़कर संस्कारवान बनाना हम सबका पहला कर्तव्य है।